The Power of Rahu in Tenth House - Lal Kitab (लाल किताब) 1941 EP94

Learn about the impact of Rahu in Tenth House as per Lal Kitab 1941 in this insightful video by Astrologer Vijay Goel. Discover the significance of this placement in terms of career, success, and more. Ideal for Vedic and Nadi astrologers.

लाल किताब 1941 की विवेचन शृंखला का ये मेरा चोरानवेवां वीडियो है। इसमे मैंने “राहु खाना नंबर 10” (जब कुंडली के दसवे घर मे राहु स्थित हो) के बारे मे विश्लेषण करने का प्रयास किया है।
कुंडली के दसवें घर को भारतीय वैदिक ज्योतिष में कर्म स्थान अथवा कर्म भाव कहा जाता है तथा कुंडली का यह घर मुख्य रूप से कुंडली धारक के व्यवसाय के साथ जुड़े उतार-चढ़ाव तथा सफलता-असफलता को दर्शाता है। कुंडली का दसवां घर कुंडली धारक को अपने जीवन में प्राप्त होने वाले यश या अपयश के बारे में भी बताता है तथा विशेष रूप से अपने व्यवसाय के कारण मिलने वाले यश या अपयश के बारे में। कुंडली का दसवां घर कुंडली धारक की महत्त्वाकांक्षाओं के बारे में भी बताता है । कुंडली में दशम घर से कर्म, आत्मविश्वास, आजीविका, करियर, राज्य प्राप्ति, कीर्ति, व्यापार, पिता का सुख, गोद लिए पुत्र का विचार, विदेश यात्रा आदि का विचार किया जाता है।
सिर के ऊपर कुछ न पहनना दसम भाव में स्थित दुर्बल राहु का प्रभाव देता है। राहू का अच्छा या बुरा परिणाम शनि की स्थिति पर निर्भर करेगा। यदि शनि शुभ है तो जातक बहादुर, दीर्घायु, और अमीर होता है तथा उसे सभी प्रकार से सम्मान मिलता है। यदि दसवें भाव में राहू चन्द्रमा के साथ हो तो यह राज योग बनाता है। जातक अपने पिता के लिए भाग्यशाली होता है। यदि यहां पर राहू अशुभ हो तो जातक की मां पर बुरा असर पडता है और जातक का स्वास्थ्य भी खराब होगा। यदि चंद्रमा चतुर्थ भाव में अकेला हो तो जातक की आंखों पर बुरा प्रभाव पडेगा। जातक सिर दर्द से पीड़ित होगा और उसे किसी काले व्यक्ति के द्वारा धन हानि होगी।
ये विवेचना लाल किताब ज्योतिषियों के अलावा, भृगु नंदी नाड़ी ज्योतिषियों और वैदिक (पाराशर) ज्योतिषियों के लिए भी उपयोगी हो सकती है। वीडियो के ब
3 years ago
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