Exploring the Basics of Brihat Parashar Hora Shashtra in Vedic Astrology

Discover the fundamental principles of Vedic astrology with our in-depth introduction to Brihat Parashar Hora Shashtra, a timeless classic that unveils ancient astrological wisdom.

Introduction to Brihat Parashar Hora Shashtra Classic on Vedic Astrology. बृहत् पराशर होरा शास्त्र वेदिक ज्योतिष में महत्वपूर्ण संग्रह है, जिसमें जातक के जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तृत ज्ञान मिलता है "बृहत्" का अर्थ होता है बड़ा या महान, जो पाठ में संगृहित बोध की व्यापकता को दर्शाता है। बृहत् पराशर होरा शास्त्र का संबंध होरा की भविष्यवाणी शाखा से है, जिसका उपयोग, ग्रह की चाल , नक्षत्रों की स्थिति,, भावों का विश्लेषण ,योग और दशा स्थिति के आधार पर विभिन्न घटनाओं के लिए उपयुक्त समय निर्धारित करने के लिए किया जाता है । पुस्तक में ज्योतिष शास्त्र के अनेक सिद्धांतों, तकनीकों, और विधाओं की समृद्ध जानकारी है जो भूत वर्तमान और भविस्य के बारे में ग्रह की स्थितियों के आधार पर विभिन्न दिशाओं में जीवन की घटनाओं का विश्लेषण करती है।
वैदिक ज्योतिष में जिस पद्धति को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है वह पराशरीय प्रणाली है। “बृहद पराशर होरा शास्त्र” जिसके नियमो का अनुसरण ज्योतिष शास्त्र के लगभग सभी ग्रन्थ एवं शाखाएं करते है और ज्योतिष में गणित व फलादेश सम्बन्धी सभी नियम इन्हीं की देन है। इस शास्त्र में ज्योतिष और धर्म के बीच के संबंध पर भी चर्चा होती है, जिससे जातक को अपने आध्यात्मिक और धार्मिक जीवन में मार्गदर्शन मिलता है। यह ग्रंथ एक महत्वपूर्ण स्रोत है। इसमें व्यापक सिद्धांतों से परिचय होता है जो वैदिक ज्योतिष के अध्ययन और अनुसंधान को समृद्ध करते हैं। इस ग्रन्थ को अधिक विस्तार एवं बारीकी से समझाने के लिए हमारे साथ है, श्री कर्नल सिंह जी.
Guest Of Honor : Sh. Karnal Singh
Team Sambhav Jyotish : Rajdeep Pandit Dharm N. Sharma Source Arranged By : Arnas Technology

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5 months ago
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