Impact of Mercury in Fourth House - Lal Kitab (लाल किताब) 1941 - Astrologer Vijay Goel

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लाल किताब 1941 की विवेचन शृंखला का ये मेरा चोंसठवां वीडियो है। इसमे मैंने “बुध खाना नंबर 4” (जब कुंडली के चौथे घर मे बुध स्थित हो) के बारे मे विश्लेषण करने का प्रयास किया है।
लाल किताब कुण्डली के चौथे घर को माता का घर कहा जाता है. इसका स्वामी और कारक ग्रह चंद्रमा है और इस घर को केन्द्र स्थानों में से एक माना जाता है. लाल किताब में इस केन्द्र स्थानों को बंद मुट्ठी का भाव कहा जाता है. इसे बंद मुट्ठी का भाव कहने से तात्पर्य य्ह भी है कि इस भाव से गर्भस्थ शिशु का विचार भी किया जाता है।
चौथे घर के ग्रह रात्रिबली होते हैं इन ग्रहों के कारोबार भी रात्रि के समय किए जाएं तो बहुत लाभदायक माने गए हैं. माना जाता है कि संकट के समय जब कोई भी ग्रह मददगार नहीं बनता तब उस स्थिति में चौथे घर के ग्रह सहायक बनते हैं. चौथे घर में कर्क राशि की कल्पना की गई है. इस लिए चौथे घर में जो भी ग्रह स्थित होता है उसका प्रभाव चंद्रमा के समान होता है, लेकिन उक्त ग्रह का प्रभाव उस घर पर दिखाई देता है जहां शनि स्थित हो। अगर चौथे घर में कोई भी ग्रह नहीं हो तो वृद्धावस्था के समय तक उन्नति होती है। जब चौथे घर में कोई ग्रह नहीं हो तो दूसरा घर प्रबल हो जाता है।
चौथे घर के बुध आपको शारीरिक रूप से मजबूत बनाता है। आप वाद विवाद में चतुर और एक अच्छे सलाहकार व्यक्ति हैं। आप में धैर्य और ज्ञान पर्याप्त मात्रा में है। आप एक अच्छे नीतिज्ञ व्यक्ति हैं। लेकिन अपने बान्धवों से आपके वैचारिक मतभेद हो सकते हैं।आपकी स्मरण शक्ति बहुत तीव्र है और आपका अन्तर्ज्ञान भी बडा समृद्ध हो सकता है। आपकी रुचि गीत, संगीत या नृत्य में होनी चाहिए।
आप विद्वान लेखक हो सकते हैं। आपकी मित्रता श्रेष्ठ व्यक्तियों से होगी। आपके द्वारा आरम्भ किए गए कार्य को सफलता मिलती है। आपक
4 years ago
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