Impact of Mars in Seventh House - Lal Kitab 1941 Astrology Insights

Get insights on the impact of Mars in the Seventh House as per Lal Kitab 1941. Explore the effects on marriage, partnerships, and legal matters in astrology.

लाल किताब 1941 की विवेचन शृंखला का ये मेरा पचपनवाँ वीडियो है। इसमे मैंने “मंगल खाना नंबर 7 (जब कुंडली के सातवें घर मे मंगल स्थित हो) के बारे मे विश्लेषण करने का प्रयास किया है।
कुंडली में सप्तम भाव से जीवनसाथी, मूत्रांग, वैवाहिक ख़ुशियाँ, यौन संबंधी रोग, व्यापार, सट्टा, कूटनीति, सम्मान, यात्राएँ, व्यापारिक रणनीति एवं व्यक्ति की गुप्त ऊर्जा को देखा जाता है। जन्म कुंडली में सातवां भाव गृह परिवर्तन एवं विदेश यात्राओं के विषय में बताता है। सप्तम भाव क़ानूनी रूप से दो लोगों के बीच साझेदारी को भी दर्शाता है। यह साझेदारी वैवाहिक अथवा व्यापारिक हो सकती है। सप्तम भाव का संबंध खोए हुए धन की उपलब्धता, चोर एवं जेबकतरों से भी होता है। यह भाव विवाह एवं तलाक़ को लेकर जनता के व्यवहार को भी दर्शाता है। यह भाव किसी राष्ट्र में महिलाओं का स्वामी माना जाता है। सप्तम भाव विदेश मंत्रालय, अन्य राष्ट्रों से संबंध, वैश्विक युद्ध या विवाद, विदेश व्यापार आदि का बोध कराता है।
कुण्डली के सातवें घर में मंगल बैठा हो तो कई तरह की अशुभता प्रदान करता है। जातक की स्त्री क्रोधी स्वभाव की होगी। जातक स्वयं क्रोध के कारण अपना नुकसान कर लेता है। जातक प्राय: पुत्रहीन होता है। ऐसे जातकों की पराई स्त्री से संबंध होता है। सप्तमस्थ मंगल आपके विवाह में विलम्ब करवाता है । इसके कारण आपके जीवनसाथी को काफी दु:ख उठाना पड़ सकता है । जीवनसाथी के साथ आपका व्यवहार बहुत सरस नहीं रहेगा । मंगल की यह स्थिति कभी-कभी अलगाव तक की स्थितियां निर्मित कर देती है । सप्तमस्थ मंगल कभी-कभी ईर्ष्या की भावना भी देती है । सप्तमस्थ मंगल आपको बेचैनी और चिडचिडापन देने के साथ-साथ तर्क और बहस करने वाला भी बना सकती है ।
ये विवेचना लाल किताब ज्योतिषियों के अलावा,
4 years ago
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