Understanding the Impact of Saturn in the First House - Lal Kitab 1941 with Astrologer Vijay Goel
Learn about the effects of Saturn in the first house as per Lal Kitab 1941 in this insightful video by Astrologer Vijay Goel. Find out how this placement impacts social achievements, personal life, and more. Suitable for Vedic and Nadi astrologers as well.
लाल किताब 1941 की विवेचन शृंखला का ये मेरा तहत्तरवां वीडियो है। इसमे मैंने “शनि खाना नंबर 1” (जब कुंडली के पहले घर मे शनि स्थित हो) के बारे मे विश्लेषण करने का प्रयास किया है।
पहला घर पूर्व दिशा का कारक है। पहले घर को लग्न भाव अथवा लग्न भी कहा जाता है। कुंडली का पहला घर हमें पिछले जन्मों में संचित किए गए अच्छे-बुरे कर्मों तथा वर्तमान जीवन में इन कर्मों के कारण मिलने वाले फलों के बारे में भी बताता है। यह घर व्यक्ति की सामाजिक प्राप्तियों तथा उसके व्यवसाय तथा जीवन में उसके अपने प्रयासों से मिलने वाली सफलताओं के बारे में भी बताता है। पहले घर से व्यक्ति के वैवाहिक जीवन, सुखों के भोग, बौद्धिक स्तर, मानसिक विकास, स्वभाव की कोमलता अथवा कठोरता तथा अन्य बहुत सारे विषयों के बारे में भी जानकारी प्राप्त होती है।
प्रथम भाव में शनि ग्रह स्थित है अत: जातक को इसके मिले जुले फलों की प्राप्ति होगी। पुराने ज्योतिषीय ग्रंथकारों के अनुसार शनि की यह स्थिति एकान्तप्रियता देती है। जातक अपने आपको प्रपंचों से दूर रखना चाहेंगे। यदि जातक किसी से पहली बार मिलते हैं या कोई जातक से पहली बार मिलता है तो सामने वाले पर आपके व्यक्तित्त्व का गहरा प्रभाव पडता है।
जातक हठी, निश्चयी या कुछ हद तक उदासीन भी हो सकते हैं। जातक दीर्घायु और गुणवान होंगे साथ ही जातक को राजाओं जैसे अधिकार प्राप्त हो सकते हैं। जातक को सरकार या राज पक्ष से लाभ मिलेगा। यदि जातक मेहनत करने से नहीं घबराएंगे तो आप धनवान और सुखी होंगे। जातक के विरोधी कितने भी बलिष्ठ क्यों न हों जातक उन पर विजय प्राप्त कर लेंगे।
ये विवेचना लाल किताब ज्योतिषियों के अलावा, भृगु नंदी नाड़ी ज्योतिषियों और वैदिक (पाराशर) ज्योतिषियों के लिए भी उपयोगी हो सकती है। वीडियो के बार
4 years ago
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