शुक्र खाना नं 1 (Venus in First House) - Lal Kitab (लाल किताब) 1941 - Astrologer Vijay Goel
Explore the analysis of Venus in First House in Lal Kitab 1941 by Astrologer Vijay Goel. Learn about personality traits, physical appearance, and more.
लाल किताब 1941 की विवेचन शृंखला का ये मेरा सैंतीसवा वीडियो है। इसमे मैंने “शुक्र खाना नंबर 1” (जब कुंडली के पहले घर मे शुक्र स्थित हो) के बारे मे विश्लेषण करने का प्रयास किया है।
भारतीय ज्योतिष में कुंडली के पहले घर को लग्न भाव अथवा लग्न भी कहा जाता है तथा भारतीय वैदिक ज्योतिष के अनुसार इसे कुंडली के बारह घरों में सबसे महत्त्वपूर्ण घर माना जाता है। इस भाव से व्यक्ति की शरीर यष्टि, वात-पित्त-कफ प्रकृति, त्वचा का रंग, यश-अपयश, पूर्वज, सुख-दुख, आत्मविश्वास, अहंकार, मानसिकता आदि को जाना जाता है। इससे हमें शारीरिक आकृति, स्वभाव, वर्ण चिन्ह, व्यक्तित्व, चरित्र, मुख, गुण व अवगुण, प्रारंभिक जीवन विचार, यश, सुख-दुख, नेतृत्व शक्ति, व्यक्तित्व, मुख का ऊपरी भाग, जीवन के संबंध में जानकारी मिलती है। पहले घर का हमारे इस जीवन में पिछले जन्मों से चले आये कर्मों में से प्रारब्ध के कर्मों का यानी वो कर्म जिनका फ़ल हमें इस जीवन में मांगना है,उसका भी संबन्ध है।पहला घर पूर्व दिशा का कारक है। पहले घर का सम्बन्ध हमारी सवारी मोटरसाइकिल कार आदि से भी है। पहला भाव हमारे कारोबार से भी सम्बन्ध रखता है,यानी हमारे कार्य क्षेत्र के बारे में ज्ञान इसी घर से किया जाता है।
शुक्र खाना नंबर 1 (Venus in First House), जातक को दीर्घायु, सुन्दर, ऐश्वर्यशाली, मधुर बोलने वाला, भोग-विलास में लीन, कामी प्रवृत्ति के साथ काम कला में प्रवीण व राज्य से लाभ लेने वाला होता है। ऐसा जातक कला के साथ गीत-संगीत में भी रुचि रखता है। अपने शरीर को स्वच्छ रखने के साथ अच्छे वस्त्र धारण करने का शैकीन व सुगन्धित वस्तुओं का प्रयोग करने वाला होता है। आमतौर पर ऐसा जातक स्वाभाव से बहुत रोमांटिक होता है और अन्य महिलाओं के साथ प्यार और सेक्स (Sex) के लिए लालायित रहता है।
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4 years ago
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